बिहार -: जाले
जाले विधानसभा को लेकर समाजसेवी “मोहम्मद इरफान फलाही” से बातचीत में उन्होंने कहा कि जाले विधानसभा के कुछ नेता जिनके कहने से घर में चाय नहीं बनती वह लोग जाले विधानसभा में जिन्ना , पाकिस्तान , मुस्लिम उम्मीदवार नहीं चलेगा ऐसा बोल बोल रहे हैं। और घिनौनी राजनीति कर रहे हैं, सिर्फ इसलिए कि कैंडिडेट मुस्लिम चुना गया और बाहर का है।
इरफान फलाही का कहना है बाहर का कैंडिडेट है इसके लिए मैं भी विरोध करता हूं। उनका कहना है जाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ताओं ने बहुत मेहनत करके कांग्रेस को एक बार फिर से जाले के अंदर जिंदा किया लेकिन आलाकमान से धोखा मिला।
लेकिन इसका यह मतलब नहीं की मसकुर अहमद उस्मानी को टिकट मिलने की वजह से देशद्रोह कहा जाए , जिन्ना का सपोर्टर कहा जाए । हां बाहर का कैंडिडेट होने की वजह से आप उनका विरोध कर सकते हैं ,लेकिन उन्हें गंदी राजनीति करने वाला , हिंदू – मुस्लिम, जिन्ना ,पाकिस्तान जिंदाबाद यह नारा सही नहीं है।
इरफान फलाही का कहना है AMU की स्थापना 1920 में हुई थी ,और उससे पहले छात्र संघ का गठन हो चुका था और जिन्ना की तस्वीर छात्रसंघ भवन में लगी है । छात्र संघ एक स्वतंत्र संगठन होता है । इसलिए यूनिवर्सिटी की इंतजामियां उसमें कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता ।
जब भारत पाकिस्तान विभाजन से पहले वर्ष 1938 में मोहम्मद अली जिन्ना AMU में आए थे , उन्हें छात्र संघ ने मानद सदस्यता दी थी। उनकी तस्वीर छात्रसंघ भवन में लगाई गई और लगी हुई है।
इरफान फलाही ने बताया मुसकुर अहमद उस्मानी दरभंगा बिहार में एक भारतीय हैं। दिसंबर 2017 में उस्मानी ने अजय सिंह को 6719 मतों से हराया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में चुने गए । वही 2018 में उस्मानी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्र संघ में आमंत्रित करने के लिए भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी से उनके आवास पर मिले ।
फिर 2019 में उन्होंने CAA/NRC भारतीय नागरिकता अधिनियम में संशोधन के खिलाफ अभियान शुरू किए।
2020 में उन्हें INC में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था ! और उन्होंने फैसला किया कि वह अपने जन्म स्थान से एमएलए के लिए चुनाव लड़ेंगे।
मसकुर अहमद उस्मानी की वीडियो को कट करके दिखाया जा रहा है और कुछ मनुवादी लोग डायरेक्ट हिंदू – मुस्लिम कर रहे हैं
इरफान फलाही का कहना है मैं मसकुर अहमद उस्मानी के सपोर्ट में यह सब नहीं कह रहा बल्कि उसे मुस्लिम के नाम पर बदनाम किया जा रहा है। इसलिए मैं ऐसा कह रहा हूं
जाले विधानसभा के लिए कांग्रेस कमेटी ने यही कहा था कि बाहरी का विरोध होगा । किसी जाति का विरोध नहीं । लेकिन आखिर मनुवादी विचारधारा पर चलने वाले चाहते हैं कि हिंदू – मुस्लिम किया जाए। इस विरोध को हिंदू-मुस्लिम बना दिया जाए जो कि गलत है । इरफ़ान फलाही ने कहा बाहरी कैंडिडेट होने के नाते आप विरोध कर सकते हैं लेकिन इसे हिंदू मुस्लिम का नाम देकर क्षेत्र में उपद्रवियों की चाल ना चली जाए।
इरफान फलाही ने सभी जनता से अनुरोध किए हैं कि इस विरोध को हिंदू मुस्लिम का नाम न दिया जाए।
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