उर्दू अदब
इश्क़ खलल है दिमाग का🌷
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दोस्तों इश्क से मुराद मोहब्ब्त चाहत की वो कैफियत जिस पर इंसानी अक्ल मोहब्ब्त के नाम पर गालिब हो ।
खलल से मुराद यानी नुक्स ,बुराई, खराबी और दिमाग से मुराद अक्लमंदी, दानिवशरी ।
दोस्तों इश्क ऐसी कैफियत है जो झूट और सच की हकीकत को जाने बेगैर ही इश्की तसलीम की बारगाह में रब्त हो जाती है अक्ल मोहब्ब्त मुबाहिसे नहीं छोड़ता है
दोस्तों इश्क की एक इलामत जाहिर होती है कि इश्क इंसान की दिमाग का खलल है।
बात करें इश्क की तो इश्क की फैसले दिमाग से नहीं दिल से होते हैं और दिल के फैसले तो जज्बाती होते हैं यह जज्बाती फैसले वक्ती तौर पर तो आप को सुकून देते हैं लेकिन मुस्तकबिल में इश्क के अंजाम बुरे निकल सकते हैं।
इश्क मिजाजी की बात करें तो खुदा से इश्क करते हुए हम इंसानी रहनुमा बने और अमन पसंद जिंदगी गुजारे और अमन करने वाला बने ।
अल्लाह रब्बुल इज्जत हम सब मुस्लिम भाई बहनों को हिदायत दे नेक और सदाकत के रास्तों पे चलने की
_______________🌷आमीन🌷_______________
✍️✍️फरहत गजल निगार